बंगाल पंचायत चुनाव: 6 जिलों में दोबारा मतदान होगा:इलेक्शन के दिन 16 लोग मारे गए: BSF बोली- हमें सेंसिटिव बूथ नहीं बताए

इनमें मालदा, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, बीरभूम, जलपाईगुड़ी और दक्षिण 24 परगना शामिल हैं। ये जानकारी राज्य चुनाव आयोग ने दी है। एक अधिकारी ने कहा कि जिन बूथों पर बैलेट बॉक्स से छेड़छाड़ और हिंसा की घटनाएं देखी गई हैं, उन्हीं पर दोबारा मतदान होंगे।
Bengal Panchayat Elections: Repolling will be held in 6 districts
Bengal Panchayat Elections: Repolling will be held in 6 districts10/07/2023

शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के दौरान छह जिलों में 16 लोगों की हत्या की गई। इसके साथ ही एक महीने में जान गंवाने वालों की संख्या 35 हो गई। 8 जून को चुनावों का ऐलान होने के बाद से 7 जुलाई तक 19 लोगों की जान गई थी।

8 जुलाई को हुई 16 मौतों में से 13 मौतें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार और मालदा में हुई। सबसे ज्यादा पांच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं। यहां 200 लोग घायल भी हुए। वहीं, सबसे ज्यादा TMC के 9 कार्यकर्ताओं ने जान गंवाई। CPI (M) के 3 लोग मारे गए। जलपाईगुड़ी हिंसा में आठ पत्रकार घायल हुए।

पोलिंग स्टेशनों पर सुरक्षाबलों के तैनात न होने की खबरों को लेकर BSF DIG एसएस गुलेरिया ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन्हें राज्य के सेंसिटिव बूथ की जानकारी नहीं दी थी। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि जानकारी देने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी।

BSF DIG बोले- पुलिस बल पर्याप्त था, उसका इस्तेमाल नहीं किया गया
BSF DIG एसएस गुलेरिया ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ 7 जून को सेंसिटिव बूथ की संख्या बताई। उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई। यहां पर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के 59 हजार ट्रूप और 25 राज्यों की आर्म्ड पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन इसका ठीक तरीके से इस्तेमाल नहीं किया जा सका।

राज्य सरकार ने बताया था कि सिर्फ 4834 सेंसिटिव बूथ हैं, जिन पर CAPF को तैनात किया गया था, लेकिन असल में यहां कई ज्यादा सेंसिटिव पुलिस बूथ थे। BSF की तैनाती तो स्थानीय प्रशासन की मांग पर ही की गई थी।

चुनाव आयुक्त बोले- समय रहते पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात नहीं हुआ
चुनाव के दौरान हिंसा फैलाने के आरोपों को लेकर बंगाल चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा कि यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन की थी कि चुनाव के दौरान भीड़ को कंट्रोल करें। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल बंगाल में समय रहते कंपनियां तैनात नहीं कर सका।

शुभेंदु अधिकारी बोले- TMC के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से हुई हत्याएं
विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव में हुई हत्याओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, TMC के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से इतनी हत्याएं हुईं। इस मामले की CBI और NIA को जांच करनी चाहिए।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा- 'यह चुनाव नहीं हो रहा था, वोटों की लूट हो रही थी और मौतें हो रही थीं। हिंसा और आगजनी हो रही थी। चुनाव में केंद्रिय सुरक्षा बलों को तैनात करने की बात कही गई थी। हिंसा के दौरान वे कहां थे? शुभेंदु ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि CCTV की निगरानी का दावा किया गया था लेकिन कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए थे।'

छह जिलों में 15 लोगों की मौत हुई

TMC: शनिवार सुबह मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और कूचबिहार के तूफानगंज में दो पार्टी कार्यकर्ताओं, जबकि मालदा के मानिक चौक में TMC नेता के रिश्तेदार की हत्या कर दी गई। अभी तक कुल 9 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं।

कांग्रेस: मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ता यास्मीन एसके का मर्डर कर दिया गया।

CPI(M): पूर्वी बर्दवान में शुक्रवार रात 32 साल के CPI(M) कार्यकर्ता रजिबुल हक को गोली मार दी गई थी। शनिवार सुबह उसने कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। CPI(M) के तीन कार्यकर्ताओं के मरने की खबर है।

BJP: कूचबिहार के फलिमारी में शनिवार सुबह भाजपा के पोलिंग एजेंट माधव विश्वास की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

ISF: नादिया जिले के हरिनघाटा इलाके में TMC से झड़प में ISF कार्यकर्ता की मौत हो गई। मृतक की पहचान 48 साल के सइदुल शेख के तौर पर हुई है।

निर्दलीय: उत्तरी 24 परगना के पीरगाछा में एक निर्दलीय उम्मीदवार के बूथ एजेंट अब्दुल्ला की हत्या कर दी गई।

9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया
8 जुलाई को पश्चिम बंगाल की 73,887 ग्राम पंचायत सीटों में से 64,874 पर मतदान हुआ। बाकी 9,013 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुन लिया गया था। निर्विरोध चुने जाने वाले उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा 8,874 तृणमूल कांग्रेस से हैं। पंचायत चुनाव के नतीजे 11 जुलाई को आएंगे।

राज्य में सेंट्रल फोर्सेस की तैनाती के बाद भी अलग-अलग इलाकों से हिंसा की खबरें आईं थी। कई इलाकों से बूथ लूटने, बैलेट पेपर फाड़ने, बैलेट पेपर में आग लगाने की घटनाएं देखी गईं थी। कूच बिहार के माथभंगा-1 ब्लॉक के हजराहाट गांव में एक युवक बैलेट बॉक्स लेकर भाग गया था।

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