Artificial Intelligence: मानो या ना मानो, तकनीक की दौड़ में अमेरिका को मात दे रहा है यह एशियाई देश

तकनीक की खोज में अमेरिका अब आगे नहीं रह गया है चाहे बात रोबोटिक्स की हो या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सबमें चीन ही आगे बढ़ रहा है
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Artificial Intelligence:02/03/2023

उन्नत तकनीकों को विकसित करने की बात हो। या फिर प्रतिभा को बनाए रखने की बात हो। सब में अमेरिका एवं अन्य पश्चिमी देशों का नाम पहले आता है। लेकिन आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि ये देश अब चीन के साथ दौड़ में हार रहे हैं। बीजिंग संभावित रूप से कुछ क्षेत्रों में एकाधिकार स्थापित कर रहा है। इसका खुलासा एक नई रिपोर्ट में हुआ है।

37 क्षेत्रों में चीन पड़ा है भारी


थिंक टैंक द ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट (Australian Strategic Policy Institute) ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि टेक्नोलोजी, डिफेंस, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) जैसे क्षेत्रों में चीन सबसे आगे चल रहा है। यहां तक कि अमेरिका से भी। इंस्टीच्यूट के "Critical Tech Tracker" नामक एक रिपोर्ट के मुताबिक एक साल की लंबी परियोजना में ट्रैक की गई 44 तकनीकों में से 37 के साथ चीन सबसे आगे है। गार्जियन ने बताया कि इन क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बैटरी, हाइपरसोनिक्स और 5जी और 6जी जैसे उन्नत रेडियो-फ्रीक्वेंसी संचार शामिल हैं।

अमेरिका अभी भी कुछ क्षेत्रों में आगे


रिपोर्ट में कहा गया है कि टीके, क्वांटम कंप्यूटिंग और स्पेस लॉन्च सिस्टम जैसी शेष सात तकनीकों में अमेरिका अग्रणी था। इसमें बताया गया है कि यह निष्कर्ष महत्वपूर्ण और उभरते तकनीकी क्षेत्रों में हाई इम्पैक्ट रिसर्च पर आधारित थे। यह शीर्ष स्तरीय पत्रिकाओं में प्रकाशित किए गए पेपर्स पर केंद्रित थे और बाद के रिसर्च द्वारा अत्यधिक उद्धृत किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है, हमारे शोध से पता चलता है कि चीन ने खुद को दुनिया की अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए नींव का निर्माण किया है, जो कि महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी डोमेन में उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान में कभी-कभी आश्चर्यजनक नेतृत्व स्थापित करता है।

गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज ट्रैकर में शामिल 44 तकनीकों में से अधिकांश में पहले या दूसरे स्थान पर है। इसने यूएस, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खुफिया-साझाकरण समूह का जिक्र करते हुए कहा, हम यह भी देख रहे हैं कि प्रतिभा और ज्ञान के आयात के माध्यम से चीन के प्रयासों को बल मिल रहा है। इसके उच्च-प्रभाव वाले पत्रों का पांचवां हिस्सा पांच विकसित देशों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षण वाले शोधकर्ताओं द्वारा लिखा जा रहा है। चीन का नेतृत्व जानबूझकर डिजाइन और लॉन्ग-टर्म पॉलिसी नियोजन का उत्पाद है, जैसा कि (राष्ट्रपति) शी जिनपिंग और उनके पूर्ववर्तियों द्वारा बार-बार रेखांकित किया गया है।

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