अक्सर घर खरीदारों को सही प्रोजेक्ट का चयन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए महारेरा यानी यानी महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी राज्य में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स और प्रोजेक्ट के प्रमोटरों की ग्रेडिंग शुरू करने की योजना बना रही है.
महारेरा ने राज्य में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए एक ग्रेडिंग सिस्टम का प्रस्ताव दिया है ताकि घर खरीदारों को प्रोजेक्ट की सही जानकारी मिल सके.
महारेरा ने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की रेटिंग निर्धारित करने के लिए मानदंड और प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है. इसके लिए रेरा ने 15 जुलाई तक विभिन्न हितधारकों के सुझाव और आपत्तियां मांगी हैं.
महारेरा ने जारी किया नोटिस, मांगे सुझाव
महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी ने 16 जून को जारी एक नोटिस में कहा कि ये प्रणाली वित्तीय व्यवहारिकता (financial viability), सक्षम अथॉरिटी द्वारा तकनीकी मंजूरियां, मुकदमे और प्रमोटरों के ट्रैक रिकॉर्ड सहित कई फैक्टर के आधार पर परियोजनाओं का मूल्यांकन करेगी.
महारेरा ने फ्रेमवर्क के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किए हैं और लोगों से सुझाव भी मांगे हैं.
महारेरा के प्रस्ताव में क्या है
देश में किसी रेरा प्राधिकरण द्वारा इस तरह की ये इकलौती पहल होगी. ग्रेडिंग सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और जनवरी 2023 के बाद पंजीकृत परियोजनाओं से इसकी शुरुआत होगी.
CREDAI-MCHI के वाइस प्रेसिडेंट प्रीतम चिवकुला ने कहा कि ग्रेडिंग के लिए परियोजना का अवलोकन, परियोजना का तकनीकी, वित्तीय और कानूनी विवरण शामिल होगा. ये रैंकिंग घर खरीदारों के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी.
परियोजनाओं की ग्रेडिंग शुरू करने से घर खरीदारों को पता होगा कौन सा प्रोजेक्ट और प्रमोटर्स सही है. हाई ग्रेड लेवल वाले प्रोजेक्ट प्रमोटरों और उनकी परियोजनाओं की विश्वसनीयता पर जोर देंगी.
प्रीतम चिवकुला, वाइस प्रेसिडेंट, CREDAI-MCHI
IndusLaw के पार्टनर अवीक्षित मोरल ने कहा कि प्रोजेक्ट की ग्रेडिंग वॉलियंटरी होगी ये अनिवार्य नहीं होगा. ग्रेडिंग में वही डेटा रहेगा जो प्रमोटर्स के प्रोजेक्ट सबमिट करेंगे. अगर दी गई जानकारी या डेटा अधूरा है / गलत है, तो ग्रेड किसी परियोजना की स्थिति की सटीक जानकारी नहीं दे पाएगा.
ग्रेडिंग की जरूरत क्यों है
चूंकि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट क्वालिटी, लोकेशन और सुविधाओं के मामले में अलग अलग हो सकते हैं. महारेरा के कंसल्टेशन पेपर में कहा गया है कि घर खरीदारों को परियोजना की ग्रेडिंग के आधार पर उनकी आवश्यकताओं और बजट के लिए कौन सा प्रोजेक्ट सबसे अच्छा है, इसकी बेहतर समझ मिल सकती है
महारेरा ने फ्रेमवर्क के लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किए हैं और लोगों से सुझाव भी मांगे हैं.
महारेरा के प्रस्ताव में क्या है
देश में किसी रेरा प्राधिकरण द्वारा इस तरह की ये इकलौती पहल होगी. ग्रेडिंग सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और जनवरी 2023 के बाद पंजीकृत परियोजनाओं से इसकी शुरुआत होगी.
CREDAI-MCHI के वाइस प्रेसिडेंट प्रीतम चिवकुला ने कहा कि ग्रेडिंग के लिए परियोजना का अवलोकन, परियोजना का तकनीकी, वित्तीय और कानूनी विवरण शामिल होगा. ये रैंकिंग घर खरीदारों के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी.
परियोजनाओं की ग्रेडिंग शुरू करने से घर खरीदारों को पता होगा कौन सा प्रोजेक्ट और प्रमोटर्स सही है. हाई ग्रेड लेवल वाले प्रोजेक्ट प्रमोटरों और उनकी परियोजनाओं की विश्वसनीयता पर जोर देंगी.
IndusLaw के पार्टनर अवीक्षित मोरल ने कहा कि प्रोजेक्ट की ग्रेडिंग वॉलियंटरी होगी ये अनिवार्य नहीं होगा. ग्रेडिंग में वही डेटा रहेगा जो प्रमोटर्स के प्रोजेक्ट सबमिट करेंगे. अगर दी गई जानकारी या डेटा अधूरा है / गलत है, तो ग्रेड किसी परियोजना की स्थिति की सटीक जानकारी नहीं दे पाएगा.
ग्रेडिंग की जरूरत क्यों है
चूंकि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट क्वालिटी, लोकेशन और सुविधाओं के मामले में अलग अलग हो सकते हैं. महारेरा के कंसल्टेशन पेपर में कहा गया है कि घर खरीदारों को परियोजना की ग्रेडिंग के आधार पर उनकी आवश्यकताओं और बजट के लिए कौन सा प्रोजेक्ट सबसे अच्छा है, इसकी बेहतर समझ मिल सकती है
महारेरा ने स्पष्ट किया है कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट ग्रेडिंग संभावित मुद्दों के खिलाफ गारंटी के रूप में काम नहीं करती है. लेकिन, हाई ग्रेड घर खरीदारों को सकारात्मक आश्वासन दे सकता है और उनके निवेश में सहायक की भूमिका निभा सकता है.
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