BCCI: अजीत अगरकर को बीसीसीआई का चीफ सिलेक्टर क्यों बनाया गया? जानिए 5 बड़ी वजहें

चेतन शर्मा की जगह अब अजीत अगरकर चीफ सिलेक्टर की जिम्मदारी संभालेंगे. लेकिन अजीत अगरकर को चीफ सिलेक्टर क्यों बनाया गया? इस टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर को तवज्जों क्यों दी गई?
BCCI
BCCI05/07/2023

 टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर अजीत अगरकर को चीफ सिलेक्टर बनाया गया है. इस साल फरवरी में चेतन शर्मा ने बीसीसीआई चीफ सिलेक्टर पोस्ट से रिजाइन कर दिया था. जिसके बाद से चीफ सिलेक्टर के लिए बीसीसीआई को कैंडिडेट की तलाश थी. बहरहाल, अब अजीत अगरकर चीफ सिलेक्टर की जिम्मदारी संभालेंगे. लेकिन अजीत अगरकर को चीफ सिलेक्टर क्यों बनाया गया? इस टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर को तवज्जों क्यों दी गई? हम नजर डालेंगे 5 ऐसी वजहों पर जिसके कारण अजीत अगरकर को चीफ सिलेक्टर चुना गया.

1- बाकी दावेदारों के मुकाबले अजीत अगरकर का युवा होना

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीसीसीआई को चीफ सिलेक्टर पद के लिए युवा उम्मीदवार की तलाश थी. साथ ही बीसीसीआई ऐसे किसी उम्मीदवार को तलाश रही थी, जो टी20 क्रिकेट खेल चुका हो.

2- अनुभव को प्राथमिकता...

अजीत अगरकर क्रिकेट छोड़ने के बाद भी लगातार क्रिकेट से बतौर कमेंटेटर या फिर स्पोर्ट स्टॉफ जुड़े रहे. वह आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के साथ जुड़े थे. इसके अलावा वह मुंबई क्रिकेट एसोशिएसन के चीफ सिलेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं. 

3- अजीत अगरकर का क्रिकेट करियर

अजीत अगरकर ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट में 349 विकेट झटके. इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि अजीत अगरकर की क्रिकेट से संबंधित समझ शानदार है. इस वजह से बीसीसीआई ने बाकी उम्मीदवारों के मुकाबले अजीत अगरकर को तवज्जो दी.

4- क्या बाकी उम्मीदवारों के साथ पैसे पर बात नहीं बन रही थी?

कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कई बड़े खिलड़ियों ने इस पद के लिए आवेदन नहीं किया. दरअसल, ऐसा कहा जा रहा है कि बीसीसीआई जितने पैसे ऑफर कर रही थी, उस पर कई बड़े खिलाड़ी तैयार नहीं हुए. जिसके बाद बीसीसीआई की पहली पसंद अजीत अगरकर थे.

5- क्या महज अजीत अगरकर का ही हुआ इंटरव्यू?

क्रिकबज के मुताबिक, अजीत अगरकर एकमात्र उम्मीदवार थे, जिसके इंटरव्यू लिया गया. बाकी आवेदन करने वाले दावेदारों का इंटरव्यू नहीं हुआ. हालांकि, ऐसा कहा जा रहा है कि इस पद के लिए अजीत अगरकर के अलावा 3 अन्य उम्मीदवारों ने आवेदान किया था.

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