याचिका के मुताबिक 32 साल पहले यानी 1991 में इस जमीन को तालाब के नाम दर्ज किया गया, फिर 19 साल पहले यानी 2004 में इसे कब्रिस्तान के नाम दर्ज कर दिया गया। जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने धर्म रक्षा संघ के राम अवतार गुर्जर की याचिका पर यह आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश का हिंदू पक्ष ने स्वागत किया है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने SDM और तहसीलदार छाता से पूछा कि शाहपुर गांव के भूखंड संख्या 1081 की स्थिति समय-समय पर क्यों बदली गई? कोर्ट ने समय-समय पर हुए बदलाव के सभी रिकॉर्ड तलब किए। इसके बाद फैसला लिया।
19 साल पहले फर्जी तरीके से कब्रिस्तान के नाम दर्ज हुई जमीन
याचिका के अनुसार, मथुरा के शाहपुर में गाटा संख्या 1081 बांके बिहारी मंदिर के नाम दर्ज था। भोला खान पठान ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से 19 साल पहले यानी 2004 में उस भूमि को कब्रिस्तान के रूप में दर्ज करा लिया। जानकारी होने पर मंदिर ट्रस्ट ने आपत्ति दाखिल की। मामला वक्फ बोर्ड तक गया। आठ सदस्यीय टीम ने जांच में पाया कि कब्रिस्तान गलत दर्ज किया गया है। फिर भी भूमि पर बिहारी मंदिर का नाम न दर्ज कर पुरानी आबादी दर्ज कर दी गई।
चबूतरे के पास हर वक्त दो पुलिसकर्मी की ड्यूटी
मथुरा से करीब 60 किमी दूर शाहपुर गांव में एक पुराना चबूतरा है और उसके ऊपर मजार बनी है। चबूतरे पर उगी घास और आसपास की झाड़ियां बताती हैं कि अब यहां कोई आता-जाता नहीं है, लेकिन चबूतरे के पास हर वक्त दो पुलिसवाले तैनात रहते हैं। तीन साल से 24 घंटे पुलिस की ड्यूटी लग रही है। 8-8 घंटे की शिफ्ट में पुलिस तैनात रहती है।
गांव में रहने वाले हिंदू चबूतरे को बांके बिहारी मंदिर का अवशेष मानते हैं, जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब के राज में तोड़ दिया गया था। वहीं, मुस्लिम इस जगह को अपना कब्रिस्तान बताते हैं।
कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने हाईकोर्ट के आए फैसले को लेकर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि धर्म रक्षा संघ के कार्यकर्ता शुरू से इस फर्जीवाड़े का विरोध कर रहे थे। कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिस पर न्यायालय ने जो फैसला दिया उससे षड़यंत्रकारियों के षडयंत्र का पर्दाफाश हो गया। उन्होंने कहा कि इस षडयंत्र को रचने वालों को सजा मिले, इसके लिए धर्म रक्षा संघ कानूनी कार्यवाही करेगा।
मंदिर-मजार का विवाद समझने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने राम अवतार गुर्जर से बात की थी। राम अवतार गुर्जर की याचिका पर ही हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया। आगे जानते हैं कि राम अवतार गुर्जर ने पूरे मामले पर क्या कुछ बताया...
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