
राम नगरी अयोध्या...सज रही है। संवर रही है। 10-15 हजार करोड़ नहीं, बल्कि 32 हजार करोड़ में। इसमें राम मंदिर की लागत अलग हैं। सरकार का टारगेट अयोध्या को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन हब बनाने का है। इसकी बैचेनी इसी से समझी जा सकती है कि खुद पीएम मोदी इस पूरे प्रोजेक्ट पर नजर रखे हुए हैं।
मंगलवार को पीएम ने अयोध्या के डेवलपमेंट को लेकर दिल्ली में मीटिंग की। इसमें सीएम योगी, अयोध्या कमिश्नर और डीएम पहुंचे। मंथन हुआ कि आखिर कैसे अयोध्या को और सुंदर और बेहतर बनाया जाए। सियासी लोग इस पूरी कसरत को 2024 से जोड़कर देख रही है। लक्ष्य है यूपी की लोकसभा सीट और 70 प्रतिशत हिंदू आबादी।
अयोध्या विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में भी विकसित हो रही है। ऐसे में पर्यटकों की सुविधा सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए सरकार 320 करोड़ की लागत से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बना रही है। दो फेज में इसे बनाया जा रहा। रनवे का काम लगभग पूरा हो चुका है। बिल्डिंग भी 80% तक तैयार है।
पर्यटन विभाग के मुताबिक, रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले एयरपोर्ट स्टार्ट हो जाएगा। यानी जनवरी से पहले। एयरपोर्ट के सेकेंड फेज का निर्माण पूरा होने के बाद 700 से ज्यादा यात्रियों को हैंडल किया जा सकता है। एयरपोर्ट से 15 मिनट में राम मंदिर पहुंचा जा सकता है।
अयोध्या धाम बस स्टेशन को भव्य तरीके से तैयार किया जा रहा है। इसे 9 एकड़ में 219 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। जो लोग अपने निजी वाहन से अयोध्या आएंगे। उनके लिए जन्मभूमि से एक से डेढ़ किमी पहले पार्किंग में वाहन खड़ा करेंगे। इसके बाद ई-रिक्शा से मंदिर तक जा सकते हैं।
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