120 साल में अगस्त सबसे सूखा रहा:सामान्य से 33% कम बारिश हुई; सितंबर में 10 दिन आखिरी मानसूनी बारिश की उम्मीद

अगस्त खत्म होने को आया है और देश अब भी तर कर देने वाली बारिश को तरस रहा है। अगस्त के दो और दिन बाकी हैं और मौसम विभाग के मुताबिक, इन दो दिनों में भी नॉर्थ-ईस्ट के कुछ राज्यों और दक्षिण के कुछ इलाकों को छोड़कर अच्छी-जोरदार बारिश होने की संभावना नहीं है।
August was the driest in 120 years: 33% less rain than normal
August was the driest in 120 years: 33% less rain than normal31/08/2023

इस साल का अगस्त 1901 से अब तक का सबसे सूखा अगस्त बन गया है। मानसून ब्रेक के चलते पूर्वोत्तर और हिमाचल-उत्तराखंड को छोड़कर अगस्त में बारिश की भारी कमी रही। इसकी वजह से अगस्त का औसत तापमान 27.55 डिग्री है, जबकि 29 दिनों का औसत इससे ज्यादा रहा। इस ट्रेंड के मुताबिक, दो दिन बाद जब अगस्त खत्म होगा तो यह इतिहास का सबसे गर्म अगस्त हो सकता है।

अब तक अगस्त के 29 दिनों में 25 दिन सामान्य से कम बारिश हुई है। दरअसल, अगस्त में मानसून का तीसरा ब्रेक चल रहा है जो इस हफ्ते के आखिरी तक जारी रह सकता है। अगस्त खत्म होने पर ये मानसून ब्रेक इतिहास का चौथा सबसे बड़ा मानसून ब्रेक होगा। इस अगस्त में 33% कम बारिश हुई है। यह आंकड़ा बढ़कर 35% हो सकता है। यह अब तक अगस्त में बारिश की सबसे बड़ी कमी होगी।

मानसूनी बारिश में 9% की कमी
दक्षिण भारत में कमी 61%, मध्य भारत में 44% और उत्तर पश्चिमी भारत में 35% तक है। 29 अगस्त तक भारत में 241 मिमी बारिश होती है लेकिन इस बार केवल 160 मिमी बारिश हुई है। यानी मानसूनी बारिश में 9% की कमी है, अब सितंबर की सामान्य बारिश होने पर भी इसकी भरपाई संभव नहीं दिख रही। ऐसी स्थिति रही तो बीते 8 वर्षों में यह सबसे कम बारिश वाला मानसून रहेगा।

अगस्त में बेहद कम बारिश की क्या वजहें हैं?
मौसम वैज्ञानिक अगस्त में कम बारिश के कुछ तात्कालिक कारण बताते हैं- मसलन बंगाल की खाड़ी में स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं बना, मानसून ट्रफ लाइन का एक सिरा हिमालय की तराई में चला गया। इसके अलावा इस तरह के हालात के पीछे अल-नीनो का सक्रिय होना बताया जा रहा है। जब-जब अलनीनो सक्रिय होता है, तब-तब भारत में मानसून कमजोर पड़ जाता है। इसकी वजह से देश के कई राज्यों में सूखा पड़ जाता है

पिछले 65 सालों में 14 बार अल-नीनो प्रशांत महासागर में सक्रिय हुआ है। इनमें 9 बार भारत में बड़े स्तर पर सूखा पड़ा। वहीं, 5 बार सूखा तो पड़ा लेकिन इसका असर हल्का रहा।मेट्रोलॉजी एंड क्लाइमेट चेंज स्काईमेट के प्रेसिडेंट जी.पी. शर्मा ने इस बात की संभावना जताई है कि 2023 में 1991 जैसी परिस्थिति बन सकती है। दरअसल, सामान्य से अगर 10 फीसदी कम बारिश होती है तो मौसम विज्ञान की परिभाषा में उसे माइल्ड ड्राउट या मध्यम सूखा वर्ष कहते हैं। 

अगस्त में बारिश बेहद कम होने से आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
भारत में खेत, तालाब और जलस्रोतों को भरने के लिए जरूरी पानी का 70% बारिश से पूरा होता है। अगस्त में दक्षिण, पश्चिम और मध्य भारत में बेहद कम बारिश हुई है। मानसून शुरू होने के बाद किसान धान, मक्का, सोयाबीन, गन्ना, मंगफली वगैरह की बुआई करते हैं। लंबे समय तक सूखे की वजह से मिट्टी में नहीं नहीं बची, जिससे फसलों की ग्रोथ प्रभावित हुई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फसलें बारिश के लिए लालायित हैं, इसमें जरा भी देर उत्पादन को घटा सकती है। जिसका नतीजा खाद्यान्न में महंगाई के रूप में देखने को मिलेगा।

क्या अगस्त जैसा सूखा सितंबर में भी रहेगा
मानसूनी मॉडल का विश्लेषण बता रहा है कि 4 सितंबर के बाद करीब 10 दिन तक इस सीजन की आखिरी दौर की बारिश हो सकती है। हालांकि, इसके संकेत भी हैं कि देश के पश्चिमी हिस्से में मानसून की विदाई समय से पूर्व यानी 15 या 16 सितंबर से शुरू हो सकती है। वहीं, IMD के वरिष्ठ विज्ञानी ने कहा, मानसून की विदाई की स्थिति फिलहाल अनिश्चित है। आमतौर पर देश में मानसून की विदाई की शुरुआत पश्चिमी राजस्थान से 17 सितंबर से हो जाती है।

हिमाचल: तीन शहरों में बारिश, 1 और 2 सितंबर को तूफान का अलर्ट
प्रदेश में मानसून की रफ्तार थाेड़ी धीमी पड़ गई है। प्रदेश में 29 अगस्त को 5.7 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन 0.7 मिमी ही रिकार्ड की गई है। यह सामान्य से 88% कम है। माैसम विभाग ने आज और कल प्रदेश में सभी जगह माैसम के साफ रहने का पूर्वानुमान जारी किया है।

एक सितंबर से प्रदेश में माैसम एक बार फिर करवट बदल रहा है। इस बीच मानसून प्रदेश में फिर से एक्टिव हाेगा और दाे दिन अपना असर दिखाएगा। माैसम विभाग ने 1 और 2 सितंबर काे मध्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तेज तूफान चलने की चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद 2 सितंबर से 3 दिनाें तक माैसम फिर सभी जगह साफ रहेगा। 

मध्यप्रदेश: ग्वालियर में तापमान 35 डिग्री पार, बारिश नहीं होने से 25 शहरों में गर्मी बढ़ी; दो दिन ऐसा ही मौसम
मध्यप्रदेश में मानसून ब्रेक होने से दिन का टेम्परेचर बढ़ गया है। मंगलवार को ग्वालियर में तो पारा 35 डिग्री के पार पहुंच गया, जबकि प्रदेश के 25 शहरों में 30 डिग्री या इससे ज्यादा ही तापमान रहा। बुधवार को भी गर्मी असर दिखा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दो दिन मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। पूरी खबर यहां पढ़ें...

छत्तीसगढ़: बारिश का कोई सिस्टम एक्टिव नहीं, धमतरी तीसरे दिन सबसे गर्म, पारा 35 डिग्री पार
छत्तीसगढ़ में मानसून पर ब्रेक लगने के साथ ही उमस और गर्मी लोगों को परेशान करने लगी है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल कहीं भी ऐसा सिस्टम नहीं है, जो अगले दो-तीन दिन तक अच्छी बारिश ला सके। इधर धमतरी जिले में तापमान बीते तीन दिनों से एक जैसा ही बना हुआ है। प्रदेश में सबसे गर्म इस वक्त धमतरी जिला ही है

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