अकाल तख़्त की बैठक पर अमृतपाल की नज़र, भगोड़े की 'अपील' के कारण पुलिस अलर्ट, छुट्टियां रद्द

पंजाब पुलिस के डीजीपी ने पुलिस के सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है. सभी राजपत्रित अधिकारियों (जीओ), गैर राजपत्रित अधिकारियों (एनजीओ) और ईपीओ के अवकाश 14 अप्रैल तक रद्द कर दिए गए हैं.
Amritpal's eye on Akal Takht meeting, police alert due to fugitive's 'appeal', holidays canceled
Amritpal's eye on Akal Takht meeting, police alert due to fugitive's 'appeal', holidays canceled07/04/2023

नई दिल्ली : 

भटिंडा में शुक्रवार वाली अकाल तख्त की महत्वपूर्ण बैठक को होने वाली है, जिसपर भगोड़े अमृतपाल की पैनी नजर है. ऐसा इसलिए क्योंकि अकाल तख्त के जत्थेदारों का अमृतपाल पर क्या रूख रहेगा ये आज की बैठक में तय हो सकता है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या 7 अप्रैल को भगोड़े अमृतपाल का काउंड डाउन खत्म होगा ? क्या वो सरेंडर करेगा या फिर उसे गिरफ्तार किया जाएगा. फिलहाल पंजाब पुलिस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है.

पंजाब पुलिस के डीजीपी ने पुलिस के सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है. सूत्रों की मानें तो सभी राजपत्रित अधिकारियों (जीओ), गैर राजपत्रित अधिकारियों (एनजीओ) और ईपीओ के अवकाश 14 अप्रैल तक रद्द कर दिए गए हैं. मुखियाओं को 14 अप्रैल, 2023 तक किसी भी प्रकार की कोई भी नई छुट्टी स्वीकृत नहीं करने के लिए कहा गया है. निर्देश दिया गया है कि पूर्व में स्वीकृत सभी प्रकार के अवकाश तत्काल रद्द किए जाएं.

गौरतलब है कि 14 तारीख को "बैसाखी" पर अमृतपाल द्वारा सरबत खालसा बुलाया गया है. हालांकि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को कहा था कि ‘‘सरबत खालसा'' की सभा बुलाना केवल अकाल तख्त प्रमुख का विशेषाधिकार है. भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने सिख समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए ‘‘सरबत खालसा'' की सभा बुलाने को कहा है. 

बुधवार और बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर सामने आए अपने दो वीडियो संदेशों में अमृतपाल सिंह ने सिखों की शीर्ष धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार (प्रमुख) को श्रद्धालुओं की सभा ‘‘सरबत खालसा'' के आयोजन के लिए कहा है. अमृतपाल ने जत्थेदार से अमृतसर में अकाल तख्त से बठिंडा में दमदमा साहिब तक ‘‘खालसा वहीर'' (धार्मिक जुलूस) निकालने और बैसाखी के दिन वहां सभा आयोजित करने की भी अपील की है.

मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा था, ‘‘ये अमृतपाल सिंह की निजी इच्छा है. सरबत खालसा बुलाना या न बुलाना किसी और का नहीं बल्कि अकाल तख्त का एकमात्र विशेषाधिकार है.''

ग्रेवाल ने कहा था कि चूंकि जत्थेदार सिख समुदाय का नेतृत्व करता है, इसलिए वह प्रत्येक निर्णय गहन विचार के साथ लेता है और सिख विद्वानों और बुद्धिजीवियों की राय लेता है. उन्होंने कहा था, ‘‘जत्थेदार देखेंगे कि मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर क्या किया जाना चाहिए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमृतपाल सिंह के करीबी कई सिखों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया, जो गंभीर चिंता का विषय है.''

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