Akasa Air: आकासा एयर पर मंडराया मुश्किलों का पहाड़, अचानक 43 पायलटों ने दिया इस्तीफा; प्रतिदिन 24 प्लाइट हो रही कैंसल

Akasa Air's 24 pilots Abruptly resigned: आकासा एयरलाइन पर मुश्किलों का पहाड़ गिरता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, इस एयरलाइन के 43 पायलटों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया।
Akasa Air's 24 pilots Abruptly resigned
Akasa Air's 24 pilots Abruptly resigned20/09/2023

Akasa Air’s 24 pilots Abruptly resigned: आकासा एयरलाइन पर मुश्किलों का पहाड़ गिरता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल, इस एयरलाइन के 43 पायलटों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। जिसके चलते एक कंपनी को एक दिन में 24 प्लाइट्स कैंसल करनी पड़ी रही है। इसी के साथ आकासा एयरलाइन बंद होने के करार पर पहुंच गई है। पायलटों ने इस्तीफा क्यों दिया इस बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है। हाईकोर्ट को एयरलाइन ने बताया कि उसके 43 पायलटों ने अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसके चलते उनकी एयरलाइन बंद होने के कगार पर पहुंच गई है।

प्रतिदिन 24 प्लाइट्स हो रही कैंसल

दिवंगत इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला के निवेश वाली आकासा एयरलाइन इन दिनों संकटों के दौर से गुजर रही है। खबर आई है कि उसके 43 पायलटों ने एक साथ बिना किसी नोटिस पीरियड सर्व करे कंपनी से रिजाइन दे दिया है। साथ ही दूसरी राइवल एयरलाइन को जॉइन कर लिया है। आकासा एयरलाइन के सीईओ विनय दूबे ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि पायलटों के इस तरह बिना बताए रिजाइन देने के चलते कंपनी बंद के कगार पर पहुंच गई है। साथ ही उन्हें प्रतिदिन 24 प्लाइट्स को कैंसल करना पड़ रहा है। कंपनी ने कहा कि सितंबर महीने में 600 फ्लाइट्स कैंसल होने का खतरा है।

पायलटों ने आकासा एयर को कोर्ट में दी चुनौती

आकासा एयरलाइन ने हाईकोर्ट से अपील की है कि वह एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) को अनिवार्य नोटिस पीरियड से जुड़े नियमों का पालन करने के लिए एम्पावर करे। एविएशन रेगुलेटर के वकील ने कहा कि वो इसमें कुछ नहीं कर सकता है, क्योंकि पायलटों ने अनिवार्य नोटिस पीरियड से जुड़े नियमों को कोर्ट में चुनौती दी है।

आकासा एयरलाइन ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी के प्रति जताई नाराजगी

आकासा एयरलाइन के एक अधिकारी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनी के प्रति नाराजगी जताई है। कंपनी ने पत्र लिखकर कहा कि पायलटों का बिना नोटिस पीरियड सर्व किए जाना अनैतिक है। हालांकि, पायलट यूनियनों ने आकासा एयरलाइन की याचिका विरोध कर कहा कि इस मामले में रेगुलेटर से कोई लेना देना नहीं है। इसके जवाब में कंपनी के वकील ने कहा कि हमने याचिका में केवल नोटिस पीरियड का मामला उठाया है, हम केवल नोटिस पीरियड लागू करना चाहते हैं।

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