केरल में एकबार फिर से निपाह वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा हैं। राज्य में निपाह वायरस की चपेट में 5 लोग आ चुके हैं जिनके अबतक पुष्टि हो चुकी है। वहीं इसकी चपेट में आने से अबतक दो लोगों की जानें जा चुकी है।
एक स्वास्थ्यकर्मी के निपाह संक्रमित होने की खबर है। बताया जा रहा है कि ये स्वास्थ्यकर्मी एक निपाह रोगी के संपर्क में आया था। केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोझिकोड के एक अस्पताल में एक निपाह वायरस संक्रमित की पाया गया है। जिन्हें संक्रमित मरीज को निगरानी में रखा गया है।
निपाह वायरस के कारण कोझिकोड में अब तक दो मरीजों की जान जा चुकी है। फिलहाल राज्य में तीन मरीज संक्रमित हैं। इनमें से 9 साल के एक बच्चे की हालत गंभीर बताई जा रही है।
निपाह वायरस के खतरे के मद्देनजर कई क्षेत्रों में लॉकडाउन जैसी पाबंदी लगाई गई है। राज्य सरकार के मुताबिक 700 लोग मरीजों के संपर्क में आए हैं। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक 700 में से करीब 77 उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं।
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वहीं केरल में निपाह वायरस के खतरे के कारण सीमावर्ती राज्य तमिलनाडु और कर्नाटक भी अलर्ट मोड में आ गया है। तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने करेल में निपाह वायरस बढ़ते खतरे को देखते हुए सर्कुलर जारी कर लोगों से केरल के प्रभावित इलाकों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
बताया जा रहा है कि इस बार केरल में जो निपाह वायरस जो स्ट्रेन पाया गया है, वह बांग्लादेशी वैरिएंट है। यह कम संक्रामक होता है लेकिन इसमें मृत्यु दर अधिक होती है। बताया जा रहा है कि यह स्ट्रेन इंसान से इंसान में फैलता है।
आपको बता दें कि निपाह वायरस चमगादड़ों और सूअर से इंसानों में फैलता है। इसका सबसे पहला मामला मलेशिया में 1999 में सामने आया था। इसके बाद सिंगापुर और बांग्लादेश में भी इसके मामले दर्ज किए गए थे।
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