सामने आया कोरोना का नया वैरिएंट, बन सकता है बड़ा संकट, जानिए इसके बारे में सबकुछ

कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। इसका अहम कारण इसमें आए कई म्यूटेशन हैं।
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर30/11/2023

कोरोना या SARS-CoV-2 वायरस एक समय में पूरी दुनिया के लिए संकट का सबब बन गया था। इसके अलग-अलग वैरिएंट्स के चलते आई उस वायरस की कई लहरों ने इसे वैश्विक महामारी बना दिया था।

अब इस वायरस का एक नया वैरिएंट सामने आया है जिसे BA.2.86 या पिरोला (Pirola) के नाम से जाना जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अलावा दुनियाभर के स्वास्थ्य संगठनों का ध्यान इस वैरिएंट ने आकर्षित किया है।

क्या है कोरोना का पिरोला वैरिएंट
पिरोला दरअसल ओमिक्रॉन वैरिएंट का सबवैरिएंट है। इसके स्पाइक प्रोटीन में कई वैरिएंट देखे गए हैं। बता दें कि स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही एक वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है।

ये म्यूटेशन इस वायरस की संक्रामकता, गंभीरता और इम्यूनिटी से बचने की क्षमताओं को बड़े स्तर पर प्रभावित कर सकते हैं।

कोरोना के इस वैरिएंट के स्पाइट प्रोटीन पर 30 से ज्यादा म्यूटेशंस का पता चला है। इनमें से कुछ म्यूटेशन इस वायरस के पिछले वैरिएंट्स से मिलते-जुलते हैं तो कुछ पूरी तरह से अलग हैं।

काफी तेज गति से फैल सकता है
अभी तक माना जा जा रहा है कि कोरोना वायरस का यह वैरिएंट इसके पिछले वैरिएंट्स के मुकाबले अधिक संक्रामक हो सकता है।

इसका मतलब यह है कि यह अधिक तेजी से इंसानों के बीच फैल सकता है खास कर उन जगहों पर जहां वैक्सीन कवरेज कम है या लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है।

मौजूदा वैक्सीन कितनी असरदार
वर्तमान कोविड वैक्सीन इस वैरिएंट पर कितनी प्रभावी हैं यह पता करने के लिए अभी रिसर्च की जा रही है।

बता दें कि कोविड के चलते होने वाली मौतों और बीमारी की गंभीरता को कम करने में वैक्सीन एक अहम साधन रही हैं। लेकिन वायरस के नए वैरिएंट्स पर इनका असर समझना सार्वजनिक स्वास्थ्य की रणनीतियां बनाने के लिए बहुत जरूरी है।

जीन से जुड़े दिखे कई बदलाव
पिरोला वैरिएंट में कुछ खास जेनेटिक बदलाव देखे गए हैं जो इसे इसके पिछले वैरिएंट से अलग करते हैं। इन बदलावों की वजह से यह अधिक तेजी से फैल सकता है और वैक्सीनेशन या पिछले संक्रमण की वजह से आई इम्यूनिटी से बच सकता है।

अमेरिका में तीन गुना बढ़े मामले
पिछले दो सप्ताह में कोरोना के पिरोला वैरिएंट से संक्रमण के मामलों में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में सभी संक्रमणों में इसकी हिस्सेदारी पांच से 15 प्रतिशत तक हो गई है। उत्तर-पूर्वी अमेरिका में यह अधिक तेजी से फैल रहा है।

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