सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना शुक्रवार को रिटायर हो गए। अपने कार्यकाल के आखिरी दो दिनों में उन्होंने कई अहम मामलों की सुनवाई की। सेरेमोनियल बेंच में विदाई देते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा आपके रिटायरमेंट से हम एक बुद्धिजीवी और एक उत्कृष्ट न्यायाधीश को खो रहे हैं। वहीं सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे कोर्ट रूम में ही रोने लगे। उन्होंने कहा- आप जनता के जज हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी CJI की सेरेमोनियल बेंच की लाइव स्ट्रीमिंग हुई। जिसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर वेबकास्ट किया गया।
आखिरी दो दिन में इन मामलों की सुनवाई
कर्नाटक कोल माइनिंग- कर्नाटक के बेल्लारी, चित्रदुर्ग और तुमकुरु जिलों में खनन फर्मों के लिए आयरन ओर की माइनिंग लिमिट बढ़ाई।
मुफ्त चुनावी घोषणाएं- फ्रीबीज मामले को 3 जजों की बेंच को रेफर किया।
गोरखपुर दंगा केस- 2007 के हेट स्पीच केस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
दिवालिया कानून- सीमा शुल्क अधिनियम पर दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) लागू होगी। सीमा शुल्क प्राधिकरण केवल शुल्क और लेवी की मात्रा निर्धारित कर सकता है लेकिन वसूली की कार्यवाही शुरू नहीं कर सकता है।
पेगासस- कमेटी को 5 फोन में मालवेयर मिला, लेकिन वह पेगासस था, ये स्पष्ट नहीं। कमेटी ने कहा सरकार ने मदद नहीं की। अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी हफ्ते में होगी।
बिलकिस बानो- गुजरात सरकार को नोटिस दिया है, 11 दोषियों को पार्टी बनाने के लिए कहा है। अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद सितंबर में होगी।
पीएमएलए- रिव्यू पिटीशन पर केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। साथ ही कहा यह कानून बहुत अहम है, और सिर्फ 2 पहलू दोबारा विचार लायक हैं। एक ECIR (ED की तरफ से दर्ज FIR) की रिपोर्ट आरोपी को न देने का प्रावधान और दूसरा खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर होने का प्रावधान।
PM मोदी सिक्योरिटी ब्रीच- PM मोदी की सिक्योरिटी ब्रीच केस की जांच के बनी कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फिरोजपुर में SSP कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी निभाने में फेल रहे।
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