तोड़े गए मंदिरों को भव्य बनाने का दौर:9 बड़े रेनोवेशन प्रोजेक्ट मोदी के हाथो ,कई प्रोजेक्ट आने वाले समय में

प्रधानमंत्री बनने के बाद आठ सालों में PM मोदी की सरपरस्ती में ऐसे कई मंदिरों का रेनोवेशन किया गया। इसी कड़ी में मंगलवार को उन्होंने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल लोक का उद्घाटन किया
तोड़े गए मंदिरों को भव्य बनाने का दौर:9 बड़े रेनोवेशन प्रोजेक्ट मोदी के हाथो ,कई प्रोजेक्ट आने वाले समय में

वर्तमान मंदिर को श्रीमान पेशवा बाजी राव और छत्रपति शाहू महाराज के जनरल श्रीमान रानाजिराव शिंदे महाराज ने 1736 में बनवाया था। इसके बाद श्रीनाथ महादजी शिंदे महाराज और श्रीमान महारानी बायजाबाई राजे शिंदे ने इसमें कई बदलाव और मरम्मत भी करवायी

भारत में बहुत से अद्भुत मंदिर है जिनकी अपनी – अपनी मान्यताएं और रीति रिवाज है। लेकिन इन सब में सबसे चर्चित मंदिर है मध्य प्रदेश में स्थित उज्जैन का महाकाल मंदिर। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग हिन्दुओ के प्रमुख्य शिव मंदिरों में से एक है और शिवजी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से भी एक है, इसके साथ ही इसे भगवान शिव का सबसे पवित्र स्थान भी माना जाता है।

यह मंदिर रूद्र सागर सरोवर के किनारे पर बसा हुआ है। कहा जाता है की अधिष्ट देवता, भगवान शिव ने इस लिंग में स्वयंभू के रूप में बसते है, इस लिंग में अपनी ही अपार शक्तियाँ है और मंत्र-शक्ति से ही इस लिंग की स्थापना की गयी थी।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में  रोचक बातें – Facts about Mahakaleshwar Temple

  1. उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को महाकाल क्यों कहा जाता है? शास्त्रों में काल के दो अर्थ होते है पहला समय और दूसरा मृत्यु। माना जाता है कि ये वही जगह है जहां पर प्राचीन समय में पूरे विश्व का समय निर्धारित किया गया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर राजा चंद्रसेन और गोप बालक ने भगवान शिव के शिवलिंग की स्थापना की थी।

  2. ताजा भस्म चढ़ाई जाती है। आपने कई मंदिरो में भस्म देखी होगी लेकन उज्जैन के महाकाल में ताजा मुर्दे के भस्म से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। और महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने के लिए पहले से ही बुकिंग करानी पड़ती है।

  3. जूना महाकाल के दर्शन के अधूरी यात्रा – महाकाल के मंदिर में जाकर जूना महाकाल के दर्शन करना भी जरुरी माना जाता है वरना महाकाल के दर्शन अधूरे माने जाते है। कुछ कहानियों के अनुसार जूना महाकाल को मुगलों ने नष्ट करने की कोशिश की थी। मुगलों के डर से जूना महाकाल को मंदिर के पुजारियों ने दूसरे शिवलिंग से बदल दिया था।

  4. तीन खंडो में विभाजित है महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – मौजूदा समय में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के तीन खंड है जिसमें से निचले खंड को महाकालेश्वर, मध्य खंड को ओंकारेश्वर और ऊपरी खंड में श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर है। इनमें से नागचन्द्रेश्वर शिवलिंग के दर्शन साल में एक बार नागपंचमी के दिन ही किए जा सकते है।

  5. नंदी दीप भी है आकर्षण का केंद्र – महाकाल के गृर्भगृह में दक्षिणमुखी शिवलिंग है जो माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय के साथ मौजूद है यहां पर नंदी दीप भी स्थापित है जो हमेशा ही जलाता रहता है।

  6. उज्जैन में महाकाल ही है राजा – उज्जैन के महाकाल से जुड़ी जो अहम बात है वो ये कि यहां पर कोई शाही या राज पद पर विराजमान व्यक्ति रात नहीं गुजार सकता है। माना जाता है कि उज्जैन में विक्रमादित्य के बाद कोई भी राजा नहीं हुआ। माना जाता है कि उज्जैन में केवल एक ही राजा रह सकता है और महाकाल को यहां का राजा माना जाता है इसलिए कोई ओर राजा यहां पर नहीं ठहर सकता है। जिस वजह से राजा भोज के काल से ही यहां पर किसी राजा ने रात नहीं गुजारी है। और इसी प्रथा को आज भी राजा, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक मानते है और यहां रात नहीं गुजारते है।

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