क्या है नेशनल क्वांटम मिशन, जिसे आज कैबिनेट ने दी है मंजूरी
नई दिल्ली:
नरेंद्र मोदी सरकार ने कंप्यूटर तकनीक के मामले में अहम फैसला लेते हुए राष्ट्रीय क्वांटन मिशन को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने National Quantum Mission NQM के प्रस्ताव को आज पास कर दिया है. इस मिशन के लिए नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने 2023-24 से 2030-31 तक के लिए 6003.65 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया है. बता दें कि क्वांटम तकनीक में सामान्य कंप्यूटर से कई गुणा अधिक डेटा कई गुणा कम समय में प्रोसेस कर सकता है.
माना जा रहा है कि संचार, स्वास्थ्य, फार्मा, वित्तीय क्षेत्र, ऊर्जा, रक्षा और डाटा सुरक्षा मामलों में इसका उपयोग हो सकता है. वर्तमान में दुनिया के कुछ ही देशों में इसका उपयोग हो रहा है. गौरतलब है कि भारत को अग्रणी देश बनाने के लिए NQM शुरू करने का फ़ैसला हुआ है. कैबिनेट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और अनुराग ठाकुर ने मीडिया को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए चार अलग-अलग हब बनाए जाएंगे. इनका संचालन विज्ञान एवं तकनीक विभाग के मिशन डायरेक्टर करेंगे. मिशन को दिशा-निर्देश देने के लिए एक गवर्निंग बॉडी होगी.
क्या है क्वांटम तकनीक
आज के समय में कंप्यूटर तकनीक में कुछ न कुछ नया होता रहा है. ऐसे में क्वांटम कंप्यूटिंग एक तेज़ी से बढ़ती हुई तकनीक है जिसका प्रयोग काफी लाभदायक साबित हो रहा है. समझने के लिए कहा जा सकता है कि जो पुराने कंप्यूटरों के लिये जिस बातों को हल करने में काफी दिक्कत होती और समय लगता है वह काम इस तकनीक से बेहद आसान हो जाता है. बता दें कि क्वांटम तकनीक भौतिकी (फिजिक्स) की एक शाखा है.
आज के कंप्यूटरों में प्रयोग होने वाली तकनीक से ये बेहतर मानी जा रही है. इसका प्रयोग काफी सफल रहा है. इस तकनीक से कंप्युटिंग में काफी आसानी हो रही है. डाटा प्रोसेस करने और उसे जरूरत के हिसाब से तैयार करने में काफी आसानी हो रही है.
जो लोग कंप्यूटर को समझते हैं, वे यह समझ सकते हैं है कि आज के पारंपरिक कंप्यूटर बाइनरी 0 और 1 अवस्थाओं के रूप में जानकारी संग्रहीत करते हैं. वहीं, क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम बिट्स का उपयोग करके गणना करने के लिए प्रकृति के मूलभूत नियमों पर आधारित होते हैं. यहां पर बिट के विपरीत जो कि 0 या 1 क्यूबिट अवस्थाओं के संयोजन में हो सकता है, इसके विपरीत क्वांटम बड़ी गणना की अनुमति देता है और उन्हें जटिल समस्याओं को हल करने की क्षमता देता है जिसमें की सबसे शक्तिशाली पारंपरिक सुपर कंप्यूटर भी सक्षम नहीं हैं.
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