बर्फ का समुद्र, -60 डिग्री... अंटार्कटिका में चीन का विशाल जासूसी अड्डा!

हिंद महासागर में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा चीन अब अंटार्कटिका में भी विशाल अड्डा बना रहा है। चीन ने इस अड्डे के लिए निर्माण कार्य तेज कर दिया है। विश्‍लेषकों का कहना है कि यह चीन का जासूसी अड्डा हो सकता है। बर्फ से चारों ओर से ढंके अंटार्कटिका में यह चीन का पांचवा शोध केंद्र है। इस नए केंद्र को बनाने में चीन को कई साल लगे हैं। इसका खुलसा सेंटर फॉर स्‍ट्रेटजिक एंड इंटरनैशनल स्‍टडी ने किया है।
Sea of ​​ice, -60 degrees... China's huge spy base in Antarctica!
Sea of ​​ice, -60 degrees... China's huge spy base in Antarctica!19/04/2023

सैटलाइट ने खोली चीन की पोल​

चीन हिंद महासागर से सटे बर्फीले अंटार्कटिका महाद्वीप में विशाल अड्डा बना रहा है। अमेरिकी थिंक टैंक सीएसआईएस ने सैटलाइट तस्‍वीरों के आधार पर इसका खुलासा किया है।

चीन का यह पांचवां केंद्र​

अंटार्कटिका में माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है और इस वीरान जगह पर चीन का यह पांचवां शोध केंद्र है। चीन ने इसका निर्माण कार्य 2018 में शुरू किया था जो अब तेज हुआ।

जासूसी कर सकता है चीन​

चीन इस नए अड्डे की मदद से अंटार्कटिका में अपने वैज्ञानिक शोध को बढ़ा सकेगा। यही नहीं सीएसआईएस का कहना है कि इसके जरिए चीन बड़े पैमाने पर जासूसी कर सकता है।

अमेरिका ने भी बनाया केंद्र​

अंटार्कटिका में चीन अकेले ही अपनी उपस्थिति नहीं बढ़ा रहा है। यहां पर अमेरिका, ब्रिटेन औद दक्षिण कोरिया भी अपना शोध केंद्र चलाते हैं। लेकिन चीन को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही।

रोस समुद्र के पास चीनी केंद्र​

दरअसल, चीन रोस समुद्र के पास जिस तरह से अपने अड्डे का निर्माण कार्य कर रहा है, उससे वह वैज्ञानिक और जासूसी दोनों ही तरह की गतिविधियों को आसानी से अंजाम दे सकता है।

चीन और अमेरिका में तनाव​

चीन ने यह निर्माण कार्य ऐसे समय पर तेज किया है जब अमेरिका और अन्‍य पश्चिमी देशों के साथ उसका तनाव अपने चरम पर है। इस नए अड्डे से पूरे महाद्वीप पर उसका खाली दायरा भर जाएगा।

ऑस्‍ट्रेलिया के सिग्‍नल पर चीन की नजर​

चीन इसके जरिए अमेरिका के सहयोगी देशों ऑस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड को भेजे जाने वाले खुफिया सिग्‍नल को पकड़ लेगा। यही नहीं चीन दोनों ही देशों के उपग्रहों पर भी नजर रख सकेगा।

जानें कितना बड़ा है यह केंद्र​

चीन का यह जासूसी अड्डा जब पूरा हो जाएगा तो यह 5000 वर्ग मीटर में फैला होगा। इसमें वैज्ञानिक शोध, ऊर्जा सुविधा केंद्र, मुख्‍य बिल्डिंग, बर्फ तोड़ने वाले जहाज और निगरानी इलाका होगा।

The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.

happy to Help 9920654232@upi 

Buy Website Traffic
logo
The Public Press Journal
publicpressjournal.com