रविशंकर के इस्तीफे की वजह प्रधानमंत्री मोदी शुरू से ही अपने मंत्रियों और सांसदों को सोशल मीडिया के बेहतर इस्तेमाल और इसके जरिए लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए कहते रहे हैं। माना जा रहा है कि प्रसाद ने ट्विटर विवाद को सही से हैंडल नहीं किया, जिसकी वजह से सरकार और पीएम पर भी सवाल उठे, जो उनकी छुट्टी की एक वजह बना। प्रसाद के पास कानून मंत्रालय भी था। पिछले महीने ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में सख्त टिप्पणी की थी। पिंजरा तोड़ ग्रुप की सदस्य नताशा समेत तीन आरोपियों को जमानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य ने संवैधानिक रूप से मिले विरोध के अधिकार और आतंकी गतिविधियों के बीच की लाइन को धुंधला कर दिया है। कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में भी कई मामलों में कानून मंत्रालय सरकार का पक्ष मजबूती से नहीं रख पाया।
जानें जावडेकर के इस्तीफे की वजह
सूचना- प्रसारण मंत्री और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी इस्तीफा ले लिया गया। सरकार के प्रवक्ता होने के नाते जावड़ेकर और उनके मंत्रालय की जिम्मेदारी थी कि वह कोरोना काल में सरकार की इमेज सही करने के लिए कदम उठाएं लेकिन उनका मंत्रालय इसमें असफल रहा। देसी मीडिया के अलावा विदेशी मीडिया में भी सरकार की बहुत किरकिरी हुई और सीधे पीएम मोदी की इमेज पर असर पड़ा। जावडेकर की उम्र भी उनके हटने की एक वजह बताई जा रही है। वह 70 साल के हैं।
भारत के इतिहास में पहली बार सबसे बड़ा कैबिनेट विस्तार किया गया। बुधवार शाम 6 बजे सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के 43 मंत्रियों ने शपथ ली। उस मुहूर्त में, जिसमें किए सभी काम सफल होते हैं। 34 मंत्रियों ने हिंदी और 9 ने अंग्रेजी में शपथ ली।
डेढ़ घंटे चले शपथ ग्रहण में 36 नए मंत्रियों ने शपथ ली। नए मंत्रियों में सबसे ज्यादा 7 उत्तर प्रदेश और फिर 3 गुजरात से हैं। दोनों ही राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। मौजूदा मंत्रियों में से 7 को प्रमोट किया गया है।
मोदी ने इन्हें प्रमोट किया
अनुराग ठाकुर, जीके रेड्डी, मनसुख मंडाविया, किरन रिजिजू, आरके सिंह, हरदीप सिंह पुरी और पुरषोत्तम रूपाला को प्रमोशन मिला है। ये सभी 7 राज्य मंत्री थे, इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।36 नए मंत्रियों में से उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 7, गुजरात से 3
उत्तर प्रदेश से 7 मंत्री: अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी, भानुप्रताप सिंह वर्मा, सत्यपाल सिंह बघेल, कौशल किशोर, बीएल वर्मा और अजय कुमार
गुजरात से 3 मंत्री: दर्शना विक्रम जरदोश, देवसिंह चौहान और महेंद्र भाई मुंजापारा
कर्नाटक से 4 मंत्री: राजीव चंद्रशेखर, शोभा करंदलाजे, ए नारायण स्वामी और भगवंत खुबा
महाराष्ट्र से 4 मंत्री: नारायण राणे, कपिल पाटिल, भगवत कृष्ण राव कराड़ और भारती प्रवीण पवार
पश्चिम बंगाल से 4 मंत्री: सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और निशीथ प्रामाणिक
बिहार से 2 मंत्री: पशुपति कुमार पारस और आरसीपी सिंह
मध्यप्रदेश से 2 मंत्री: ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार
ओडिशा से 2 मंत्री: अश्विनी वैष्णव और विश्वेश्वर टुडू
असम से 1 मंत्री: सर्बानंद सोनोवाल
राजस्थान से 1 मंत्री: भूपेंद्र यादव
दिल्ली से 1 मंत्री: मीनाक्षी लेखी
झारखंड से 1 मंत्री: अन्नपूर्णा देवी
उत्तराखंड से 1 मंत्री: अजय भट्ट
मणिपुर से 1 मंत्री: राजकुमार रंजन सिंह
त्रिपुरा से 1 मंत्री: प्रतिमा भौमिक
तमिलनाडु से 1 मंत्री: एल मुरुगन
नोट: ये 36 नए मंत्री हैं। इनके अलावा 7 राज्यमंत्री प्रमोट हुए हैं, जो 6 राज्य- अरुणाचल प्रदेश, बिहार, यूपी, गुजरात, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश से हैं।
अब टीम मोदी में 11 महिलाएं, 7 नए मंत्री 7 राज्यों से
मोदी टीम में अब सबसे ज्यादा महिलाएं हैं। उत्तर प्रदेश से अनुप्रिया पटेल, कर्नाटक से शोभा करंदलाजे, गुजरात से दर्शना विक्रम जरदोश, दिल्ली से मीनाक्षी लेखी, झारखंड से अन्नपूर्णा देवी, ओडिशा से प्रतिमा भौमिक, महाराष्ट्र से भारती प्रवीण पवार ने शपथ ली। कैबिनेट में पहले से ही 4 महिला मंत्री हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, खाद्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और आदिवासी मामलों की राज्य मंत्री रेणुका देवी हैं। नए और पुराने को मिलाकर मंत्रिमंडल में 11 महिलाएं हो गई हैं।
77 मंत्रियों का जातिगत गणित
8 राज्यों से 12 दलित मंत्री
8 राज्यों से 8 आदिवासी मंत्री
15 राज्यों से 27 OBC के मंत्री
5 राज्यों से 5 अल्पसंख्यक मंत्री
कैबिनेट की औसत उम्र 3 साल घटी: विस्तार से पहले मोदी कैबिनेट की औसत उम्र 61 साल थी, जो अब घटकर 58 हो गई है।
युवा टैलेंट: 14 मंत्री 50 साल से कम उम्र के हैं। इनमें से 6 को कैबिनेट का दर्जा दिया गया है।
युवा टैलेंट: 14 मंत्री 50 साल से कम उम्र के हैं। इनमें से 6 को कैबिनेट का दर्जा दिया गया है।
अनुभव: 46 मंत्री ऐसे हैं जो पहले केंद्र में मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 23 मंत्री कम से कम तीन बार सदस्य रहकर कम से कम 10 साल तक संसदीय कामकाज का अनुभव रखते हैं।
राज्यों में सरकार चलाने का अनुभव
4 पूर्व मुख्यमंत्री।
18 ऐसे मंत्री जो राज्यों में मंत्री पद संभाल चुके हैं।
39 पूर्व विधायक हैं जो राज्य में विधायी कामकाज देख चुके हैं।
प्रोफेशनल्स की सरकार
68 मंत्री ग्रैजुएट
13 मंत्री वकील
7 पूर्व ब्यूरोक्रेट
7 मंत्रियों के पास डॉक्टरेट की डिग्री
6 मंत्री डॉक्टर
5 इंजीनियर
3 मंत्री मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रैजुएट
जिन 12 मंत्रियों का इस्तीफा हुआ, वे 10 राज्यों से
. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद- बिहार
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