12 short sellers profited from short selling of Adani Group shares 29/08/2023
Bharat

अदाणी ग्रुप शेयरों की शॉर्ट सेलिंग से 12 शॉर्ट सेलरों को हुआ फ़ायदा

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि किसी भी शॉर्ट सेलर, जिनमें तीन भारत से और चार मॉरीशस से थे, ने आयकर अधिकारियों को अपने मालिकाना ढांचे की जानकारी नहीं दी थी.

Sunil Shukla

 

अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में हुई शॉर्ट सेलिंग से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और विदेशी संस्थागत निवेशकों समेत एक दर्जन कंपनियों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा हुआ. 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस साल जनवरी में बाज़ारों के ढह जाने की वजह बनी हिंडनबर्ग रिपोर्ट की प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई जांच के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है.

शॉर्ट-सेलिंग दरअसल निवेश का वह तरीका है, जिसमें बेचने के नाम पर प्रतिभूतियों को उधार लिया जाता है और बाद में कीमतें गिर जाने पर वापस खरीद लिया जाता है. इस प्रक्रिया में दरअसल निवेशक दांव लगाते हैं, और शेयर की कीमतों में गिरावट से मुनाफा कमाते हैं.

'इंडियन एक्सप्रेस' के अनुसार, ED ने जांच के दौरान तय किए गए निष्कर्ष बाज़ार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ जुलाई में साझा किए थे.

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि किसी भी शॉर्ट सेलर, जिनमें तीन भारत से और चार मॉरीशस से थे, ने आयकर अधिकारियों को अपने मालिकाना ढांचे की जानकारी नहीं दी थी.

रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से कुछ कंपनियों ने 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट प्रकाशित होने से दो या तीन दिन पहले ही कथित तौर पर सौदे खोल दिए थे. कुछ अन्य ने पहली बार शॉर्ट सेलिंग में किस्मत आज़माई थी.

विदेशी निवेशक, जो SEBI के पास रजिस्टर्ड होते हैं, को डेरिवेटिव्स के सौदे करने की अनुमति होती है. डेरिवेटिव्स वे वित्तीय उपकरण होते हैं, जो बाज़ार जोखिमों को कम कर शॉर्ट-टर्म सौदों की अनुमति देते हैं.

रिपोर्ट में इनमें से कुछ शॉर्ट सेलरों की अनियमित कमाई के पैटर्न की ओर भी इशारा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, SEBI ने निवेशकों को गुमराह करने के आरोप में एक भारतीय कंपनी के प्रमोटर के खिलाफ आदेश भी पारित किया.

हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि उद्योगपति गौतम अदाणी ने अदाणी समूह की कंपनियों के स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के लिए मॉरीशस में शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया था. अदाणी समूह ने सभी आरोपों से इंकार किया और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत, उसके संस्थानों और विकासगाथा पर 'सोचा-समझा हमला' करार दिया था.

इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को मामले की जांच कर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ पैनल ने दाखिल की गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अदाणी समूह की ओर से कीमतों में कोई हेरफेर नहीं किया गया था और समूह ने खुदरा निवेशकों को सुरक्षा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे.

The mainstream media establishment doesn’t want us to survive, but you can help us continue running the show by making a voluntary contribution. Please pay an amount you are comfortable with; an amount you believe is the fair price for the content you have consumed to date.

happy to Help 9920654232@upi 

वैदिक विज्ञान की वैश्विक प्रासंगिकता : ज्ञान, समय और चेतना का संगम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष: भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प, ‘समग्र विकास’ पर बल

Promotion Reservation — Time to Restore the Balance

आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर की मां मनोरा को अपहरण मामले में अंतरिम जमानत

Dr. Priyanka Shukla: Healing Chhattisgarh Beyond Hospitals